Information of Qutub Minar, History, Tickets, Timings, in Hindi

कुतुब मीनार हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली मैं मौजूद ये जगह भारत की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक जगहों मैं से एक है | कुतुब मीनार निशानी है उस दौर की जब भारतीय जमीन पर विदेशी घुस पैठियों का राज था | Information of Qutub Minar की हर बारीकी के बारे मैं हम आपको बतायेंगे 


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कुतुब मीनार इतिहास- History

कुतुब मीनार को जैसा शरू मैं बनाया गया था वैसी बिलकुल नहीं है अब ये जैसे-जैसे समय बदला उसके साथ ही इसमें भी बहुत बदलाव हुए है | कुतुब मीनार को दिल्ली का पहला स्मारक कहा जाता है जिसे किसी विदेशी ने बनाया था और UNESCO के मुताबिक ये एक World Heritage Site है | इस पूरी जगह को कुतुब मीनार Complex कहते है जहा इसके अलावा और भी बहुत सारी प्राचीन चीजे है |


कुतुब मीनार का निर्माण कब हुआ था - Built Year

कुतुब मीनार को Qutab-ud-din Aibak ने 1193 मैं बनवाना शुरू किया था और लेकिन केवल तहखाने को ही पूरा कर सके । उनके उत्तराधिकारी  Shams-ud-din Iltutmish ने तीन और मंजिलें जोड़ी  इसे पूरी तरहा बनने मैं करीब 28 बर्ष का समय लगा और 1220 मैं जाके तैयार हुई थी |


कुतुब मीनार का निर्माण किसने करवाया था और किस लिए- Built By


कुतुब मीनार को हम एक Victory Tower भी कह सकते है क्योंकि जब Aibak ने दिल्ली के आखरी हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान को हराया था तब ये मीनार Qutab-ud-din Aibak के लिए दिल्ली का सल्तनत बनने की निशानी थी |


1369 मैं मीनार पे बिजली गिरने की वजह से इसका ऊपर का हिस्सा Damage होगया था | फिर उसकी मरम्मत Sultan Firuz Shah Tughlaq ने कराई थी और इसका ऊपर के साइड से आकर कम करने के लिए इसमें और मंजिल और जोड़ी थी |

1505 मैं एक तूफान के कारन कुतुब मीनार को बहुत नुक्सान पहुंचा और उसके बाद उसे सिकंदर लोधी द्वारा ठीक कराया गया |

1903 को एक और भूकंप आया जिस से कुतुब मीनार को काफी नुक्सान पहुंचा और फिर ब्रिटिश इंडियन आर्मी के Major Robert Smith-Barry 1928 मैं इसे ठीक कराया | 

क़ुतुब मीनार की कितनी लम्बाई- Height

क़ुतुब मीनार की लम्बाई 72.5 मीटर है, निचे से चौड़ाई 14.32 मीटर ,और ऊपर से चौड़ाई 2.75 मीटर इसमें 379 सीढ़ियां है |

क़ुतुब मीनार किस चीज से बना है-Material

कुतुब मीनार को पहले पूरा Red Sandstone से बनाया गया था फिर जब ये बिजली गिरने से Damage हुई तो Firuz Shah Tughlaq द्वारा ठीक करने के दौरान इसके ऊपर के दो मंजिल White Marbel से बनाये गए थे |



Main Information of Qutub Minar Timings and Ticket Price 2021 


Opening Time:    7:00 AM
Closing Time:     5:00 PM

Ticket Price For Indian 40 Rs.
Ticket Price For Foreigner 600 Rs.

Metro Station: Qutub Minar
Address:          Mehrauli, Delhi India

Facts


Qutub Minar Accident 1981

1981 मैं लोगो की भगदड़ के दौरान 45 लोगो की मृत्यु हो गयी जिस वजह से मीनार के अन्दर जाना पूरी तरहा बंद होगया | उस हादसे के समय वहा करीब 300 लोग मौजूद थे जिसमे ज्यादा खासकर स्कूल के बच्चे थे | अचानक से लोग कहने लगे की टावर गिर रहा है उसी दौरान भगदड़ मच गई |


Qutub Complex मैं मीनार के अलावा और भी इतिहासिक चीजे है 


क़ुतुब मीनार बहुत सी बड़ी ऐतिहासिक इमारतों से घिरी हुई  है और ये सभी Qutub Complex मैं आती हैं। जिसमे सबसे पहले आता है

Iron Pillar 

जोकि करीब 2000 साल से भी ज्यादा पुराना है इस पिलर की लम्बाई  23.8 Feet है और करीब 3.8 Feet जमीन मैं गढ़ा हुआ है |


Quwwatul Islam Masjid

दिल्ली की सबसे पहली मस्जिद भी इसी कॉम्प्लेक्स मैं मौजूद है जिसे 27 हिन्दू और जैन मंदिरों को तोड़ के सन 1192 मैं बनाया गया था |

Alai Darwaza

का निर्माण Alauddin Khilji ने 1311 मै पूरा इस्लामिक तरीके से करवाया था  |

Shamsud-din Iltutmish,s Tomb 

ये उस इंसान का मकबरा है जिसने क़ुतुब मीनार के 3 मंजिल तैयार कराए थे |

Alai Minar 

अलाउद्दीन खिलजी का सपना था की वो क़ुतुब मीनार से भी ऊँची मीनार बनाये और उसने बनवाना भी शुरू कर दिया था | और 24.5 मीटर बनते ही इसका काम रुक गया उसके बाद खिलजी की मृत्यु हो गयी और उसके मरने के बाद उनकी संतान ने बहुत खर्चे वाला काम सोच कर इस्पे ध्यान नहीं दिया |

Madrasa And Tomb of Alauddin Khalji

ये भारत का सबसे  पहला मकबरा और मदरसा साथ मै है |

Tomb of Imam Zamin 

इसका निर्माण स्वयं अली ने 16 वीं सदी मैं मुगल सम्राट हुमायूं के शासनकाल के दौरान किया था।


आपको यहा पर एक अच्छा नजारा देखने को मिलेगा और ये हमारे देश के बुरे समय की निशानी मैं से एक है | आप जब यहा जाओगे तो थोडा अलग महसूस करोगे और अंदाज भी लगा पाओगे की कैसा होता होगा मुग़ल शासन मैं हमारा भारत Information of Qutub Minar पर ये पूरा आर्टिकल है |

क़ुतुब परिसर को देख के हम समझ सकते है की पहले के लोग कितने काबिल हुआ करते जबकि उस समय न तो कोई अच्छी टेक्नोलॉजी थी | और फिर भी उनके द्वारा किये हुए काम बिना टेक्नोलॉजी इस्तेमाल किये न मुनकिन लगते है 





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