ChandraShekhar Azad Ravan: छोटे से गाँव से लेकर दुनिया में प्रसिद्ध होने का सफर




ChandraShekhar Azad Ravan कोन हैं 


चंद्रशेखर आज़ाद रावण एक Social Worker, भीम आर्मी के चीफ और आज़ाद समाज पार्टी के संस्थापक साथ ही पेशे से वकील जोकि सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और ये इनके दमदार आंदोलनों के लिए जाने जाते हैं साथ ही साथ डॉ भीम राव अंबेडकर और कांशीराम जी को अपना आदर्श मानते हैं|

ChandraShekhar Azad Ravan Biography, birth And Early life


ChandraShekhar Azad Ravan का जन्म 3 December 1986 को सहारनपुर मैं हुआ था रावण के पिता एक School Teacher थे और माँ House Wife रावण ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पास के ही एक स्कूल Thakur Chhajju Singh Pundir A.H.P Inter College से की थी इसी स्कूल मैं रावण के पिता अध्यापक थे|

शिक्षा- Education


Chandrasekhar Ravan ने स्कूल की पढ़ाई ठाकुर छज्जू पुंडीर A.H.P इंटर कॉलेज से और वकालात की पढाई डीएवी पीजी कॉलेज, देहरादून से पूरी की है|

पेशा- Profession

चन्द्रशेकर रावण पेशे से वकील है लेकिन समाज सेवा और राजनीति पर सबसे ज्यादा ध्यान ध्यान केंद्रित कर रहे हैं|

कमाई का ज़रिया- Source of Income

इनके पास कोई ज्यादा खास कमाई का ज़रिया नहीं थोड़ी बहुत ज़मीन है उसी से इनका घर चलता है|

परिवार- Family


चंद्रशेखर आज़ाद रावण के पिता गोवर्धन दास की कैंसर के कारण मृत्यु हो चुकी है इनकी माता जी कमलेश देवी और दो भाई कमल किशोर और भारत सिंह है|

सम्पत्ति- Net Worth


चन्द्र शेखर रावण के पास कोई ज्यादा खास सम्पत्ति नहीं क्योंकि ये शुरुआत से ही समाज सेवा में है इनके पास सिर्फ वो ही सम्पत्ति है जो इनके पिता जी से मिली हुई इनके पास सिर्फ एक बाइक है वो भी पिता जी के द्वारा दिलाई गयी थी| जो भी हम गाड़ियाँ देखते है वो सब उनके चाहने वाले उन्हें उपल्बध कराते है|

पत्नी-Wife

आज़ाद की अभी तक शादी नहीं हुई हैं|

जाती- Caste


वैसे जाती ही हमारे देश की सबसे बड़ी लड़ाई है लेकिन कुछ लोग आज़ाद को मुस्लिम बताते है इस लिए इस आर्टिकल में हमें जाती का उल्लेख करना पढ़ रहा है चन्द्र शेखर आज़ाद रावण जाटव जाती है जोकि हिन्दू धर्म का ही एक हिस्सा है|

लक्ष्य- Goal

आजाद रावण शुरू से ही समाज के लिए कुछ अलग करना चाहते थे पर उनके पिताजी का सपना था की मेरा बेटा अपनी पढ़ाई पूरी कर के विदेश चला जाए क्योंकि वे चाहते थे की जिस जातिवाद और छुआछूत का सामना मैंने किया वो मेरे बच्चे न करें|

आज के समय की बात की जाये तो जातिवाद, छुआछूत फ़ैलाने और ग़रीबों पर अत्याचार करने वाले लोगों के लिए सर दर्द बन चुके हैं चंद्रशेखर क्योंकि कहीं न कही सरकार और कानून में भी गलत मानसिकता वाले लोग आ जाते है और जाती देख के न्याय करते हैं और ऐसे लोगों पर ही चलता है चन्द्र शेखर का जलवा लेकिन अब मोदी जी की सरकार में कानून अपने कामों को सही से करने लगा है|


Chandra Shekhar Azad Ravan ने काफी हद तक अपना लक्ष्य पूरा कर लिया है लेकिन उनका असली लक्ष्य सम्पूर्ण तरीके से पूरा तब होगा जब उनके हाथ में सरकार की पॉवर आ जाएगी और संविधान सही तरीके से लागू हो जाएगा क्योंकि कुछ भ्रष्ट लोग ग़लतियाँ करते हैं और संविधान को गलत ठहराते है|

जैसे की हमने बहुत बार देखा और सुना लोग कहते हैं की इसे तुरंत सजा तो इसे फांसी दो पर काफी देरी हो जाती है मुजरिम को सजा मिलने में फिर लोग संविधान को गलत ठहराते है और बोलते हैं की संविधान ही गलत है|


मुज़रिम को सजा में देरी होने में किसकी गलती है संविधान या लोगों की तो उसका जवाब साफ़ है की इसमें पूरी गलती लोगों की ही होती है क्योंकि सबसे पहले मुज़रिम सबूत मिटाने की कोशिश करेगा और अगर नहीं मिटा पाता तो कानून को खरीदने की कोशिश करेगा क़ानून ईमानदार निकला तो काफी चांस होते हैं की मुज़रिम का कोई खास आदमी राजनीति में हो है वो उसे बचाने की कोशिश करेगा उस से भी कुछ नहीं हुआ तो वो ऐसा वकील करेगा जो गलत को सही बना देगा क्योंकि आपने कितना भी गलत जुर्म क्यों ना किया हो आपको वकील मिल जाएगा|

बहुत से लोगों का सवाल होगा की मुज़रिम को वकील करने का अधिकार संविधान देता है तो उसका जवाब ये है की संविधान का एक नियम है की भले ही मुज़रिम छूट जाए लेकिन किसी बेगुनाह को सजा न हो और इसी नियम का लोग गलत फायदा उठा रहे हैं आपको पता होना चाहिए की ये नियम दुनिया के हर संविधान में मिलेगा पर भारत में इसका गलत इस्तेमाल किया जाता है|


ऐसा नियम संविधान में क्यों है? इसका जवाब है की जबतक कानून की नजर में गुनाह साबित न हो जाए तब तब तक किसी को भी मुज़रिम नहीं साबित किया जायेगा और अपनी बात रखने का हक हर किसी को हक़ है नहीं तो न्याय कैसे होगा|


रावण जब छोटे थे तब उनके पिता बताते थे की कैसे उनके साथ छुया छूत होता आया है उनके पिता ने बताया था की बेटे जब मैं एक गाँव स्कूल मैं पहली बार पढ़ाने गया तो वहां के चपरासी ने कहा की मास्टर जी आप अपना गिलास नहीं लाये क्योंकि उन्होंने मेरी काबिलियत से पहले जात जानी थी क्योंकि मैं छोटी जात से था तो मुझे अपना गिलास घर से ले जाना पड़ता था और की बेटे ऐसा मेरे साथ नहीं हमारे समाज के लगभग हर इन्सान के साथ होता है|


चन्द्र शेखर ने जब ऐसी कहानी अपने पिता के मुँह से सुनी तो वे काफी हैरान थे की मेरे पिता इतने पढ़े लिखे है उनके साथ अगर ऐसा बर्ताव हुआ तो जो लोग बेचारे अनपढ़ और लाचार है उनके साथ कैसा होता होगा कहते हैं न की पौधे से ही पेड़ बनता है उसी तरह बचपन की सोच ही हमारा भविष्य तय करती है और ऐसे हालातों ने ही Chandrashekar को Chandrashekhar Azad Ravan बना दिया और आज के समय में पूरी दुनिया इस नाम से वाक़िफ़ है|


कैसे बनी भीम आर्मी

रावण बताते है की स्कूल मैं एक ही नलका था जिस पर सभी लोग पानी पीते थे पर हमेशा एक ही चीज़ देखने को मिलती थी जो रावण और उनके समुदाय और जो भी दलित थे उन सब को पानी पीने के लिए इंतज़ार करना पड़ता था पहले ऊँची जात वाले पानी पीते थे बाद मैं ये लोग|

जितने भी दलित थे उनको क्लास रूम के अन्दर लास्ट मैं बिठाया जाता अगर कोई बच्चा आगे बैठ जाता तो उसे मारते थे वो लोग एक दिन एक लड़के ने ज़िद करली के आज मैं सामने वाली बेंच पर ही बैठूँगा और ये चीज़ दब्बंगो को राश नहीं आई और उन्होंने उस लड़के को बहुत मारा|

ऐसी घटनाओं को देखते हुए चन्द्रशेखर आज़ाद रावण ने एक संघटन बनाने का फैसला लिया और संघटन का नाम रखा भीम आर्मी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को उसमे जोड़ा जिस से की कोई अपने आप को अकेला और कमजोर महसूस न करे|

भीम आर्मी को बनाने में किसका साथ था 


भीम आर्मी की शुरुआत करने वाले 3 लोग थे ( सतीश कुमार, विनय रतन सिंह, चंद्रशेखर ) इन्ही तीनो लोगो ने शुरुआत की थी और आज भी तीनों मिलकर भीम आर्मी को चला रहे हैं|

भीम आर्मी क्या कार्य करती है



शिक्षा भीम आर्मी का सबसे पहला कार्य है और देश के कोने कोने मैं पहुँच चुकी है भीम आर्मी की टीम मुफ्त पाठशालाएं चलाती है भीम आर्मी जितने भी गाँवो मैं है वहां मुफ्त ट्यूशन और डांस क्रिकेट म्यूजिक मतलब की जो भी बच्चे मैं टैलेंट होता है भीम आर्मी की टीम उन बच्चो को फुल सपोर्ट करती है और 6 महीने मैं एक बार बच्चो मैं कम्पटीशन कराती है जिसमे जितने वाले को इनाम दिया जाता है|


भीम आर्मी का दूसरा कार्य उन लोगों को सपोर्ट करना जिन्हें सरकार और प्रशासन नज़र अंदाज़ करता या कोई किसी ग़रीब पे अत्याचार करे भीम आर्मी आज किसी पहचान की मोह ताज नहीं है

भीम आर्मी कैसे इतनी ज्यादा प्रसिध हुई है?

20 Apr 2017 


से शुरु हुई लड़ाई सहारनपुर मैं जाटव और ठाकुरों की लड़ाई मैं जाटवों की तरफ से भीम आर्मी मैदान मैं आई थी जोकि एक बहुत बड़ा हादसा था जिसमें 2 लोगो की जान भी गई थी इस हादसे के बाद पूरे देश के लोगो ने चंद्रशेखर को दलितों का हीरो मान लिया और चन्द्रशेखर के ऊपर उस समय NSA लगाई गई थी उसके बाद पूरे देश मैं आन्दोलन हुए चंद्रशेखर को रिहा करने के लिए/

2 April 2018


2 April सबको याद होगा जब सभी दलित संगठनों ने मिलकर भारत बंद किया अपनी कुछ मांगे को लेकर और सरकार ने वे मांगे को पूरी भी की उस आन्दोलन के बाद हर जगह चंद्रशेखर आज़ाद रावण का नाम गूँजने लगा|

हाथरस काण्ड


हाथरस काण्ड तो सभी को याद होगा जहा पर जात देख के इंसाफ हो रहा था ये हमारे लिए बहुत शर्म की बात है की हमारे देश मैं आज भी सचाई से ज्यादा जात पात को महत्व दिया जाता है आपको याद होगा की कैसी राजनीति हुई थी हाथरस मैं राजनीति और जब कानून ने अपनी असली ताकत दिखाई और ये साबित किया की ये घटना सच है और आरोपी सचमुच गुनेह्गर थे तो वो लोग कहा गए जो जात देख के इन्साफ़ कर रहे थे|

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Azad Samaj Party

15 March 2020 को आजाद रावण ने Azad Samaj Party को बनाया इस पार्टी को उन्होंने OBC,SC,ST की परेशानियों को देखते हुए बनाया और उन्होंने 2021 मैं ग्राम पंचायत और ज़िला पंचायत मैं अच्छी ख़ासी जगह भी बनाई थी|

2021 Time Magazine 100 उभरते हुए लीडरो मैं शामिल होना


चंद्रशेखर के लिए ये बहुत बड़ा मुकाम है आपको बता दे की चंद्रशेखर से पहले नरेन्द्र मोदी और अरविन्द केजरीवाल को भी इस लिस्ट मैं शामिल किया गया था अब कुछ लोगो को इनकी तरक्की रास नहीं आ रही है आपको एक पता होनी चाहिए की चंद्रशेखर से उनके ही समाज के लोग खुश नहीं|


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